बस्ती जिला प्रशासन के रवैये से परेशान जनपद के पत्रकार

बस्ती जिला प्रशासन के रवैया से परेशान जनपद के पत्रकार। 


जिला प्रशासन की मीडिया विरोधी नीतियों से पत्रकारों में आक्रोश

बस्ती। जिला प्रशासन की मीडिया विरोधी नीतियों से स्थानीय पत्रकार बेहद परेशान और आक्रोशित हैं। पत्रकारों का आरोप है कि जिलाधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी खुद को काबिल और पत्रकारों को मूर्ख समझते हैं। पत्रकारों का कहना है कि जिलाधिकारी कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन कर रहे हैं और अपंग पत्रकारिता को बढ़ावा दे रहे हैं। पत्रकारों का यह भी आरोप है कि जिलाधिकारी और अन्य अधिकारी अपनी नौकरी और वेतन को सुरक्षित रखते हुए दूसरों की नौकरी खाने में लगे हैं। पिछले जिलाधिकारी के तबादले के बाद से वर्तमान जिलाधिकारी ने 7 महीनों में केवल 5-6 बाइट ही दिए हैं। पत्रकारों के जाने पर वे बाइट देने से इनकार कर देते हैं और बिना सवाल-जवाब के अपनी मनमानी से बाइट बनाकर भेज देते हैं। पत्रकारों का कहना है कि जिलाधिकारी हाईकोर्ट के जस्टिस जे.जे. मुनीर के आदेशों का हवाला देकर झड़ते हैं पाल्ला एवं पत्रकारों को नजरअंदाज कर रहे हैं और जानबूझकर उनका शोषण कर रहे हैं। पत्रकारों ने जिलाधिकारी पर अपने आचरण में बदलाव न लाने का भी आरोप लगाया है। पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि यदि जिलाधिकारी अपने आचरण में बदलाव नहीं लाते हैं तो वे सभी एकजुट होकर मुख्यमंत्री कार्यालय, एनबीए, मानवाधिकार कार्यालय नई दिल्ली और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग दिल्ली में शिकायत दर्ज कराएंगे। यदि इसके बाद भी कोई सुधार नहीं होता है तो वे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। पत्रकारों ने यह भी कहा है कि वे जिला प्रशासन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार करने और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों के इसमें शामिल न होने की चेतावनी भी दी है। पत्रकारों की मांगे हैं की जिलाधिकारी मीडिया के प्रति अपना रवैया बदलें। पत्रकारों को समय पर और सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए। पत्रकारों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए। पत्रकारों का शोषण बंद किया जाए।

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