बस्ती में गरिमा गृह की कवायद तेज राज्यपाल से सीईओ अजय ने की मुलाक़ात
लखनऊ । सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 में ट्रांसजेंडरों के लिए गरिमा गृह चलाने के लिए ग़ैर-सरकारी संगठनों को आमंत्रित किया गया था। इसमें सामाजिक,मनोवैज्ञानिक,और आर्थिक बाधाओं का सामना करने वाले ट्रांसजेंडरों को भोजन चिकित्सा सुविधाएँ और परामर्श जैसी सुविधाओं के साथ आश्रय प्रदान करने का उद्देश्य था। बस्ती में ट्रांसजेंडरों के लिए काम कर रही इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी ने संचालन करने का प्रस्ताव भेजा था जिसे शासन ने स्वीकृति प्रदान करते हुए भारत सरकार को भेज दिया था लेकिन अनुमोदन की फ़ाइल भारत सरकार के पास अटकी हुई है जिसकी सिफ़ारिश सांसद बस्ती राम प्रसाद चौधरी ने भी भारत सरकार से किया था लेकिन फ़ाइल जस की तस पड़ी रही इसी प्रकरण को लेकर इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी के सीईओ अजय पाण्डेय ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राज भवन में मुलाक़ात किया राज्यपाल के आश्वासन के बाद गरिमा गृह के लिए कवायद तेज हो गई है।
राज्यपाल के मार्गदर्शन में संस्था द्वारा चलाए जा रहे “हुनरमंद किन्नर” कार्यक्रम के प्रगति रिपोर्ट पर राज्यपाल संतुष्ट रही और संस्था के कार्यों की सराहना किया। ग़ौरतलब है कि राज्यपाल ने पिछले वर्षों के जनपदीय भ्रमण कार्यक्रम में बस्ती आकर हुनरमंद किन्नर कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए दो ट्रांसजेंडरों को प्रतीकात्मक टीजी कार्ड और सिलाई मशीन का वितरण किया था।बस्ती में ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए राज्यपाल ने डीएम बस्ती को हर संभव मदद के लिए भी अपने ओएसडी को निर्देश देने को कहा। राज्यपाल ने संस्था को उपहार स्वरूप 45 साड़ियाँ प्रदान किया।
मुलाक़ात करने में काजल किन्नर, सरदार कुलविंदर सिंह, डॉक्टर दिनेश कुमार विश्वकर्मा मौजूद रहे।
