बस्ती के लाल हिमांशु मिश्रा का लखनऊ के एसजी पीजीआई के नेफ्रो विभाग में चयन हुआ है अब वह पीजीआई के अलावा बस्ती में भी अपनी सेवाएं देंगे बस्ती में अभी तक कोई नेफ्रो डॉक्टर मौजूद नहीं था किडनी की बीमारी पर लोगों को बड़े शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ता था, किडनी का इलाज इतना महंगा होने की वजह से गरीब अपना इलाज बड़ी मुश्किल से करा पाता था लेकिन अब उन्हें बस्ती में ही नेफ्रो के अच्छे डॉक्टर से इलाज के लिए मौका मिलेगा।
बस्ती के नीलकंठ हॉस्पिटल में आए डॉक्टर हिमांशु मिश्रा ने बताया कि बस्ती मेरा घर है अब मैं अपने घर में भी मरीजों को सेवा दूंगा, उन्होंने बताया कि यूरिक एसिड की मुख्य वजह शरीर में प्रोटीन की अधिकता और पाचनतंत्र की ठीक तरीके से काम न करना है, लगातार किडनी से संबंधित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, लेकिन बस्ती जैसे शहरों में अभी इसके इलाज की उचित व्यवस्था नहीं है, इसलिए जल्दी ही बस्ती में नेफ्रोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं देना शुरू करेंगे ताकि अपने शहर घर के मरीजों को यहीं पर अच्छा इलाज मिल सके।
एसजीपीजीआई में नेफ्रो विभाग में नियुक्त होने के बाद पहली बार बस्ती आए डॉक्टर हिमांशु मिश्रा नीलकंठ हॉस्पिटल बस्ती में पत्रकारों से मिले, उन्होंने बस्ती में अपनी सेवाएं देने की बात पर चर्चा की, इसके पहले बस्ती के महर्षि विद्यामंदिर में डॉक्टर हिमांशु मिश्रा को सम्मानित किया गया, बस्ती के निवासी डॉक्टर हिमांशु मिश्रा का परिवार चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ा रहा है, वर्तमान में डॉक्टर हिमांशु मिश्रा एसजी पीजीआई लखनऊ में नेफ्रोलॉजिस्ट के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।
डॉ हिमांशु ने बताया कि उनकी प्राथमिक शिक्षा बस्ती के सेंट जेवियर स्कूल से हुई और इंटर उन्होंने महर्षि विद्या मंदिर से किया। इंटर के बाद ही सीधे उनका सिलेक्शन एमबीबीएस के लिए हो गया था। उन्होंने बताया कि बस्ती उनका निवास स्थान है और कर्म क्षेत्र भी बनेगा जल्द ही बस्ती में अपनी सेवाएं देना शुरू करेंगे।
उन्होंने बताया कि इस समय किडनी से संबंधित बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रही है जिसका मुख्य कारण यूरिक एसिड का बढ़ना व्यवस्थित दिनचर्या शुगर और पाचन तंत्र में गड़बड़ी है। इससे बचने के लिए हमें सबसे पहले अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करना होगा,नियमित व्यायाम और शारीरिक परिश्रम करते रहना चाहिए।
